क्या होती है ओजोन गैस-
ओजोन गैस ओक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनाने वाली गैस है| जो वातावरण में मात्र 0.02 प्रतिशत के लगभग पाई जाती है| यह एक ऐसी गैस है जो पृथ्वी के निकट के वायुमंडल में तो इंसानों के लिए हानिकारक है और समताप मंडल में लाभकारी| पृथ्वी पर ओजोन मानव श्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है|
कहाँ होती है ओजोन परत
पृथ्वी के धरातल से 15 से 40 किलोमीटर की उंचाई पर वायुमंडल के समताप मंडल (स्ट्रेटो स्फियर) क्षेत्र में ओजोन अणुओं की एक पतली चादर है, जिसे ओजोन परत कहते हैं। इस चादर ने हमारी पूरी पृथ्वी को आवरण प्रदान किया हुआ है। इस मंडल में मौजूद ओजोन पृथ्वी को सूर्य की पैराबैंगनी किरणों से बचाता है| जब सूर्य की किरणें ओजोन परत में से होकर गुजरती हैं, तो ओजोन अणु तमाम नुकसान पहुंचाने वाले पैराबैंगनी विकिरण को रोक लेते हैं, अगर पैराबैंगनी किरणों का विकिरण इस ओजोन आवरण/परत को पार कर सीधे पृथ्वी तक पहुँच जाए तो यहाँ जीना दूभर हो जाए|
कैसे बनती है ओजोन परत-
ओजोन प्राकृतिक रूप से ही बनती है| जब सूर्य की किरणें वायुमंडल की ऊपरी सतह पर मौजूद ओक्सीजन से टकराती हैं तू उच्च ऊर्जा विकिरण से इसका कुछ हिस्सा ओजोन में बदल जाता है| कुछ अन्य क्रियाओं से भी ओक्सीजन ओजोन में बदल जाती है|
ओजोन परत को खतरा क्यों-
औद्योगिक विकास के चलते हानिकारक रसायनों जैसे सी.एफ.सी. (क्लोरो-फ्लोरो कार्बन) और क्लोरीन गैस का वायुमंडल में घुलना जारी है| जिनके कारण ओजोन परत को खतरा पैदा हो गया है| क्योंकि ये रसायन और गैस ओजोन मंडल में पहुँचकर ओजोन को ओक्सीजन में विघटित कर रहे हैं| जिससे ओजोन परत का दक्षिणी ध्रुव से क्षरण हो रहा है और उसमें छेद हो गए हैं| सबसे पहले एफ.एम. रोलैंड ने जो यू.एस.ए. के रहने वाले हैं, ओजोन में छिद्र होने की जानकारी दी | निम्बस—7। उपग्रह ने ओजोन छिद्र की उपस्थिति दर्ज की थी| बंसत ऋतु में ओजोन छिद्र सबसे बड़ा दिखाई देता है| 10 दिसम्बर 2005 को ओजोन छिद्र का आकार 38.61 लाख वर्ग मील हो चुका था।
कहाँ-कहाँ से निकलते हैं सी.ऍफ़.सी-
सी.ऍफ़.सी. का सर्वाधिक उत्सर्जन रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशनर्स, फोम उद्योगों, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री इकाइयों से होता है|
कौन है ओजोन परत के क्षरण का उत्तरदायी-
इस परत के ह्रास के लिए विकसित देश अधिक उत्तरदायी हैं, किन्तु वे अपने उत्सर्जन में कटोती करने की अपेक्षा विकासशील देशों पर इसका आरोप मढ रहे हैं| ओजोन संकट पर विचार के लिए पहली बैठक सन् 1985 में वियना में आयोजित की गई थी| तभी से प्रयास किये जा रहे हैं| जनसाधारण को भी इस दिशा में जागरूक करने के लिए 16 सितम्बर को ओजोन संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता| समस्या की गंभीरता को देखते हुए बार-बार सम्मेलन और समझौते हो रहे हैं, किन्तु कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है| जो चिंता का विषय है|