उत्तर- डी.डी.टी. का आविष्कार पाल हरमैन मूलर’ ने किया जिसके लिए उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया।
प्रश्न- डी.डी.टी. का पूरा नाम बताएं।
उत्तर- डी.डी.टी. का पूरा नाम डाइक्लोरो डाइफिनाइल ट्राईक्लोरोईथेन है।
प्रश्न- डी.डी.टी. का सर्वाधिक प्रयोग कब किया गया?
उत्तर- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद।
प्रश्न- डी.डी.टी. का पक्षियों पर क्या दुष्प्रभाव हुआ?
उत्तर- डी.डी.टी पक्षियों के अण्डों के छिलके पतले करने के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार कारक है। अण्डे के छिलके पतले होने से अक्सर बच्चे पैदा होने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं और प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है।
प्रश्न- हमारे देश में दुनिया के कितने प्रतिशत कीटनाशकों का प्रयोग होता है?
उत्तर- हमारे देश में विश्व के 2 प्रतिशत कीटनाशक प्रयोग होते हैं। हमारे देश में उन कीटनाशकों का भी प्रयोग धड़ल्ले से होता है जो दुनियाभर में प्रतिबन्धित है।
प्रश्न- हरियाणा में कीटनाशकों की खपत कितनी है?
उत्तर- वर्ष 1999—2000 में प्रदेश में 5000 टन के लगभग कीटनाशकों की खपत थी।
प्रश्न- कीटनाशकों के अधिक प्रयोग का क्या दुष्परिणाम हुआ?
उत्तर- कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से वायु, जल तथा भूमि जहरीले हो गये। सभी प्रकार के जीवधारी प्रभावित हुये। पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो गयीं। कीड़ों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी। प्रकृति का चक्र प्रभावित हुआ जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।
प्रश्न- कीटनाशकों से प्रति वर्ष कितने लोग प्रभावित होते हैं?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र शिक्षा कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार कीटनाशक ज़हर से प्रतिवर्ष 10 लाख लोग प्रभावित होते हैं।
प्रश्न- जैव कीटनाशक क्या होते हैं?
उत्तर- जैव पदार्थों से बनाये जाने वाले कीटनाशक जैव कीटनाशक कहलाते हैं। जैसे नीम से बनने वाला कीटनाशक।
प्रश्न- जैव कीटनाशक कैसे बनाये जाते हैं?
उत्तर- जैव कीटनाशक बनाने के लिए नीम के बीजों (निंबोली) को इक्ठ्ठा करके सुखा लिया जाता है तथा उनका छिलका उतार दिया जाता है। जो गिरी बचती है उसे बारिक पीस लिया जाता है। उसमें कुछ बूंदे नीम का तेल मिला दिया जाता है। उपयोग करने से आठ घण्टे पूर्व इसे पानी में मिलाकर रख देना चाहिए और फ्Qिर स्प्रे कर देना चाहिए।
प्रश्न- रासायनिक कीटनाशकों की बजाए कौन—सा कीटनाशक प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर- जैव कीटनाशक।
प्रश्न- जैव कीटनाशक रासायनिक कीटनाशकों से कैसे बेहतर है?
उत्तर- रासायनिक कीटनाशक भूमि, जल और वायु को दूषित करते हैं जबकि जैव कीटनाशक से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता। रासायनिक कीटनाशक फल, सब्जी, चारे को जहरीला बनाते हैं लेकिन जैव कीटनाशक से ऐसा नहीं होता। रासायनिक कीटनाशक अधिक मात्रा में डाल देने से पौधा नष्ट हो जाता है तथा कम मात्रा में छिड़काव से कीड़ों में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सकती है लेकिन जैव—कीटनाशकों से ऐसा कोई नुकसान नहीं होता। रासायनिक कीटनाशक स्प्रे करने वाले के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालते हैं, थोड़ी—सी लापरवाही मौत का कारण बन सकती है मगर जैव कीटनाशक पूरी तरह से सुरक्षित है।