प्रश्न- पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं?
उत्तर- प्रत्येक भाषा में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनके अर्थ एक-दूसरे से मिलते-जुलते होते हैं| ऐसे शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है| हिंदी भाषा में भी ऐसे बहुत से शब्द हैं| जैसे- आग, अग्नि, अनल, पावक, ज्वाला आदि|
प्रश्न- पर्यायवाची शब्दों को कितने वर्गों में बांटा जा सकता है?
उत्तर- पर्यायवाची शब्दों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है-
(क) पूर्ण पर्यायवाची
(ख) अपूर्ण पर्यायवाची
प्रश्न- पूर्ण पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं ?
उत्तर- वे शब्द जिनका प्रयोग प्रत्येक स्थिति में एक दूसरे के स्थान पर किया जा सके, उन्हें पूर्ण पर्यायवाची शब्द कहते हैं| जैसे- पर्वत-पहाड़, घोडा-अश्व, आकाश-आसमान आदि|
प्रश्न- अपूर्ण पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं ?
उत्तर- जो शब्द एक-दूसरे से मिलते जुलते अर्थ तो प्रकट करते हैं, लेकिन उनके अर्थ में सूक्ष्म भेद होता है और प्रत्येक स्थिति में एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग नहीं किये जा सकते अपूर्ण पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं| जैसे- अन्तरिक्षयान को आकाशयान कहना अशुद्ध होगा |
प्रश्न- पर्यायवाची शब्दों की सूची बनाएं |
उत्तर- पर्यायवाची शब्द-
अग्नि- आग, अनल, पावक, ज्वाला, वह्नी|
अश्व- घोडा, हय, तुरंग, बाजि, घोटक|
अतिथि- मेहमान, आगन्तुक, पाहुना, अभ्यागत, गृहागत|
अनुपम- अनूठा, अनोखा, अद्वितीय, नायब, अद्भुत, अपूर्व|
अमृत- अमी, सुधा, पियूष, सोम, अमिय|
असुर- दानव, राक्षस, दैत्य, निशाचर, रजनीचर|
अहंकार- घमंड, दर्प, गर्व, दंभ, अभिमान|
अन्धकार- ताम, तमस, तिमिर, अँधेरा, अंधियारा|
आंख- नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, लोचन|
आभूषण- अलंकार, गहने, जेवर, भूषण|
आनंद- आमोद, हर्ष, उल्लास, ख़ुशी, प्रमोद|
आदेश- आगया, फरमान, हुक्म, निर्देश|
आकांक्षा- अभिलाषा, इच्छा, लालसा, कामना, चाह|
इंद्र- देवेन्द्र, सुरेन्द्र, देवेश, सुरेश, सुरपति|
ईश्वर- भगवान्, परमेश्वर, परमात्मा, प्रभू, जगदीश|
उन्नति- प्रगति, उत्थान, विकास, उत्कर्ष, अभ्युदय|
उद्यान- बगीचा, उपवन, बाग़, वाटिका, फुलवारी|
कपड़ा- चीर, वस्त्र, वसन, पट, अम्बर|
कमल- जलज, नीरज, राजीव, सरसिज, वारिज|
किनारा- तट, कूल, कगार, तीर, पुलिन|
कोयल- पिक, कोकिला, श्यामा, दूत, वसंत|
कृष्ण- केशव, माधव, मोहन, गोपाल, घनश्याम, वासुदेव, श्याम, नंदलाल|
गणेश- गणपति, गजानन, विनायक, लम्बोदर, भवानीनंदन |
गंगा- भागीरथी, मन्दाकिनी, देवनदी, सुरसरि, जाह्नवी|
घर- गृह, सदन, आवास, भवन, आलय|
घड़ा- कुंभ, मटका, कलश|
चन्द्रमा- रजनीश, चाँद, चन्द्र, शशि, इंदु, सुधांशु, राकेश|
चतुर- कुशल, योग्य, निपुण, प्रवीन, दक्ष|
जल- पानी, नीर, वारि, तोय, अम्बु, सलिल|
जंगल- कानन, वन, अरण्य, विपिन, कांतार|
झंडा- ध्वज, पताका, निशान, केतु, केतन|
तलवार- खड्ग, शमशीर, असि, करवाल, चंद्रहास|
तालाब- सरोवर, ताल, जलाशय. सर, तडाग|
दिन- दिवस, वार, वासर, अह्न |
दरिद्र- गरीब, निर्धन, रंक, कंगाल, अकिंचन|
दुःख- कष्ट, पीड़ा, वेदना, व्यथा, कलेश|
देव- देवता, सुर, देव, अमर, निर्जर, आदित्य|
धन- अर्थ, मुद्रा, सम्पत्ति, वित्त, दौलत |
धरा- धरती, पृथ्वी, भू, वसुधा, भूमि, महि|
नदी- सरिता, तटिनी, सरित, सलिला, तरंगिनी|
नौकर- सेवक, दास, सुखसहायक, अनुचर, परिचारक, भृत्य|
नौका- नाव, तरणी, तरी, बेडा, पोत, डोंगी|
उत्तर- प्रत्येक भाषा में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनके अर्थ एक-दूसरे से मिलते-जुलते होते हैं| ऐसे शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है| हिंदी भाषा में भी ऐसे बहुत से शब्द हैं| जैसे- आग, अग्नि, अनल, पावक, ज्वाला आदि|
प्रश्न- पर्यायवाची शब्दों को कितने वर्गों में बांटा जा सकता है?
उत्तर- पर्यायवाची शब्दों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है-
(क) पूर्ण पर्यायवाची
(ख) अपूर्ण पर्यायवाची
प्रश्न- पूर्ण पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं ?
उत्तर- वे शब्द जिनका प्रयोग प्रत्येक स्थिति में एक दूसरे के स्थान पर किया जा सके, उन्हें पूर्ण पर्यायवाची शब्द कहते हैं| जैसे- पर्वत-पहाड़, घोडा-अश्व, आकाश-आसमान आदि|
प्रश्न- अपूर्ण पर्यायवाची शब्द क्या होते हैं ?
उत्तर- जो शब्द एक-दूसरे से मिलते जुलते अर्थ तो प्रकट करते हैं, लेकिन उनके अर्थ में सूक्ष्म भेद होता है और प्रत्येक स्थिति में एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग नहीं किये जा सकते अपूर्ण पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं| जैसे- अन्तरिक्षयान को आकाशयान कहना अशुद्ध होगा |
प्रश्न- पर्यायवाची शब्दों की सूची बनाएं |
उत्तर- पर्यायवाची शब्द-
अग्नि- आग, अनल, पावक, ज्वाला, वह्नी|
अश्व- घोडा, हय, तुरंग, बाजि, घोटक|
अतिथि- मेहमान, आगन्तुक, पाहुना, अभ्यागत, गृहागत|
अनुपम- अनूठा, अनोखा, अद्वितीय, नायब, अद्भुत, अपूर्व|
अमृत- अमी, सुधा, पियूष, सोम, अमिय|
असुर- दानव, राक्षस, दैत्य, निशाचर, रजनीचर|
अहंकार- घमंड, दर्प, गर्व, दंभ, अभिमान|
अन्धकार- ताम, तमस, तिमिर, अँधेरा, अंधियारा|
आंख- नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, लोचन|
आभूषण- अलंकार, गहने, जेवर, भूषण|
आनंद- आमोद, हर्ष, उल्लास, ख़ुशी, प्रमोद|
आदेश- आगया, फरमान, हुक्म, निर्देश|
आकांक्षा- अभिलाषा, इच्छा, लालसा, कामना, चाह|
इंद्र- देवेन्द्र, सुरेन्द्र, देवेश, सुरेश, सुरपति|
ईश्वर- भगवान्, परमेश्वर, परमात्मा, प्रभू, जगदीश|
उन्नति- प्रगति, उत्थान, विकास, उत्कर्ष, अभ्युदय|
उद्यान- बगीचा, उपवन, बाग़, वाटिका, फुलवारी|
कपड़ा- चीर, वस्त्र, वसन, पट, अम्बर|
कमल- जलज, नीरज, राजीव, सरसिज, वारिज|
किनारा- तट, कूल, कगार, तीर, पुलिन|
कोयल- पिक, कोकिला, श्यामा, दूत, वसंत|
कृष्ण- केशव, माधव, मोहन, गोपाल, घनश्याम, वासुदेव, श्याम, नंदलाल|
गणेश- गणपति, गजानन, विनायक, लम्बोदर, भवानीनंदन |
गंगा- भागीरथी, मन्दाकिनी, देवनदी, सुरसरि, जाह्नवी|
घर- गृह, सदन, आवास, भवन, आलय|
घड़ा- कुंभ, मटका, कलश|
चन्द्रमा- रजनीश, चाँद, चन्द्र, शशि, इंदु, सुधांशु, राकेश|
चतुर- कुशल, योग्य, निपुण, प्रवीन, दक्ष|
जल- पानी, नीर, वारि, तोय, अम्बु, सलिल|
जंगल- कानन, वन, अरण्य, विपिन, कांतार|
झंडा- ध्वज, पताका, निशान, केतु, केतन|
तलवार- खड्ग, शमशीर, असि, करवाल, चंद्रहास|
तालाब- सरोवर, ताल, जलाशय. सर, तडाग|
दिन- दिवस, वार, वासर, अह्न |
दरिद्र- गरीब, निर्धन, रंक, कंगाल, अकिंचन|
दुःख- कष्ट, पीड़ा, वेदना, व्यथा, कलेश|
देव- देवता, सुर, देव, अमर, निर्जर, आदित्य|
धन- अर्थ, मुद्रा, सम्पत्ति, वित्त, दौलत |
धरा- धरती, पृथ्वी, भू, वसुधा, भूमि, महि|
नदी- सरिता, तटिनी, सरित, सलिला, तरंगिनी|
नौकर- सेवक, दास, सुखसहायक, अनुचर, परिचारक, भृत्य|
नौका- नाव, तरणी, तरी, बेडा, पोत, डोंगी|